इस प्रसिदृ डाँक्टरों के डाँक्टर (मसीहों के मसीहा) ने कभी अपने स्वार्थ की चिन्ता न कर अनेक विघनों का सामना किया तथा स्वयं असहनीय वेदना और कष्ट सहन कर सदैव दूसरों की भलाई की और उन्हें विपत्तियों में सहायता पहुँचाई ।
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इस प्रसिदृ डाँक्टरों के डाँक्टर (मसीहों के मसीहा) ने कभी अपने स्वार्थ की चिन्ता न कर अनेक विघनों का सामना किया तथा स्वयं असहनीय वेदना और कष्ट सहन कर सदैव दूसरों की भलाई की और उन्हें विपत्तियों में सहायता पहुँचाई ।
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कवि का दूसरा संकलन ‘ अष्टपदी ‘ इसी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, जिसमें आठ लम्बी कविताओं को एक व्यापक रूपक के रूप में दर्शाया गया है जबकि पृष्ठभूमि में महाभारत और श्री कृष्ण जी के जीवन की पौराणिक घटनाओं में वर्तमान समय की वेदना और कष्ट प्राप्ति के साथ-साथ मृत्यु का अतिक्रम करने के आनंद, सौंदर्य और पूर्णता की अनुभूति दर्शाई गई है।
5.
नई चप्पल … लेदर की चमकती हुई … एक चप्पल को लिए भाई साहब बैठे थे … चेहरे पर मातम जैसा माहौल था … उनकी बातों और चेहरे के भाव से यही लग रहा था कि उन्हें असीम वेदना और कष्ट हो रहा था चप्पल के खो जाने से … बिन जल मछली की तरह तड़प रहे थे कई बार पूरी बोगी छान मारी थी ….